हाटी जनजाति समुदाय, गिरिपार सिरमौर, हि० प्र०

📅 21 Sep 2025 by Digital-Hatti

गिरिपार क्षेत्र के हाटी जनजाति समुदाय की संघर्ष यात्रा

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के मूल निवासी हाटी समुदाय को प्रदेश की 11वीं जनजाति के रूप में संवैधानिक दर्जा मिल चुका है। इस जनजाति के संघर्ष और राष्ट्रीय स्तर पर दर्जनों उतार चढ़ाव और राजनीतिक बाधाओं का सामना करते हुए किसी मंजिल के ऐन मुहाने, संघर्षकर्ता और दूरदर्शिता के काम तब आता जब अपने आप में संघर्ष यात्रा को एक ऐतिहासिक दस्तावेज और शोधार्थियों के द्वारा उद्धृत किया जा सके।

वर्ष 1970 से हाटी समुदाय द्वारा यह संघर्ष शुरू हुआ, जिसमें हम फॉरवर्ड सदस्य के रूप में शामिल रहे और इस दौरान अनेक उतार-चढ़ावों का सामना करते हुए निरंतर आंदोलन किया गया। इस आंदोलन के दौरान विभिन्न ज्ञापन पत्रक वर्ष 1985 में सौंपा गया। सन 1967 में नौहराधार वक्फ जनता समुदाय को जनजाति का संवैधानिक दर्जा दिया गया। 1971 से 1985 तक हाटी समुदाय ने संघर्षरत रहते हुए प्रयास आरंभ किया।

सिरमौर क्षेत्र का विशेष बार्टर सिस्टम हाटी समुदाय की पहचान था। यहां बकरियों का आदान-प्रदान, वस्तुओं का लेन-देन, देवी-देवता, धामधूम और पहाड़ी रीति-रिवाजों में हाटी समुदाय का विशेष महत्व था। यही वजह रही कि हाटी और अन्य जनजातियों के बीच रोटी-बेटी का संबंध स्थापित था।

किसी समुदाय को जनजाति घोषित करने के लिए लोकसभा/राज्यसभा द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर हिमाचल सरकार द्वारा समय-समय पर रिपोर्ट भेजी जाती रही। लेकिन केंद्रीय जनजाति मंत्रालय की ओर से बार-बार आपत्तियां दर्ज की जाती रहीं और रिपोर्ट्स वापस हो जाती रहीं।

इसके बावजूद हाटी समिति ने कभी हार नहीं मानी। वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट, सांसद सुरेश कश्यप, विधायक रीना कश्यप और प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष जय प्रकाश ठाकुर ने सक्रिय भूमिका निभाई।

2018 में पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जनजाति अधिकारों के लिए Tribunal Research and Training Institution (TRTI) की स्थापना की। इसके आधार पर विशिष्ट रिपोर्ट तैयार करवाई गई और केंद्र सरकार को भेजी गई। 2019 में केंद्र सरकार ने RGI की सभी आपत्तियों का निराकरण किया।

2021 में अमित शाह, अजय भट्ट, सुरेश कश्यप, रीना कश्यप और जय प्रकाश ठाकुर ने मिलकर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। 2022 में संसद में संशोधन बिल पारित हुआ और 16 दिसंबर 2022 को ‘हाटी जनजाति अधिकार संघर्ष समिति’ ने संसद भवन के सामने खुशी मनाई।

इसके बाद 26 जुलाई 2023 को राज्यसभा और फिर 4 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति के साथ हाटी जनजाति को 11वीं जनजाति का दर्जा मिल गया।

संघर्ष यात्रा के साथी

इस दौरान विधायक हर्षवर्धन चौहान, सांसद सुरेश कश्यप, विधायक रीना कश्यप, पूर्व अध्यक्ष जय प्रकाश ठाकुर और हजारों लोगों ने योगदान दिया।

इस संघर्ष यात्रा में वरिष्ठ लोग, महिलाएं, युवा और विद्यार्थी भी शामिल रहे। हाटी समिति देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्रियों वीरभद्र सिंह और जय राम ठाकुर सहित सभी जनप्रतिनिधियों और गिरिपार क्षेत्र की जनता का आभार प्रकट करती है।

जय हाटी, जय माटी !!

कुंतल सिंह शास्त्री
महासचिव

डॉ. अर्जुन चंद कमल
अध्यक्ष

केंद्रीय हाटी समिति, गिरिपार क्षेत्र, सिरमौर, हि.प्र.