
वर्ष 2017 में सांसद श्री वीरेन्द्र कश्यप के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से मिलकर हाटी मुद्दे पर चर्चा करते हुए हाटी प्रतिनिधि मंडल |

सांसद वीरेन्द्र कश्यप जी के नेतृत्व में वर्ष 2011 में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी से मुलाकात करते हुए हाटी शिष्ट मंडल के सदस्य।

24 अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में हाटी शिष्ट मंडल केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी से हाटी मुद्दे पर चर्चा करते हुए।

5 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर के साथ विधानसभा में चर्चा करते हुए हाटी समिति के सदस्य

वर्ष 2022 को केंद्रीय जनजाति मंत्री श्री अर्जुन मुंडा तथा जनजाति राज्य मंत्री रेणुका चौधरी से मुलाकात करते हुए हाटी समिति के सदस्य।

5 मई 2017 को हरिपुरधार बिशू मेला में केंद्रीय जनजाति मंत्री जुएल उरांव का स्वागत करते हुए मेला कमेटी के सदस्य

वर्ष 2011 गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करते हुए हाटी शिष्ट मंडल।

3 जनवरी 2022 को दिल्ली में सांसद श्री सुरेश कश्यप के माध्यम से महापंजीयक (RGI) तथा उप महापंजीयक के साथ हाटी समिति के पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक जिसमें एथनोग्राफी रिपोर्ट के तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रो० प्रेम कुमार धूमल जी से मुलाकात करते हुए हाटी समिति सदस्य

वर्ष 2017 हाटी मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह जी से मिले गिरिपार क्षेत्र के विधायक गण श्री किरनेश जंग, श्री सुरेश कश्यप, श्री बलदेव सिंह तोमर तथा श्री विनय कुमार जी
हाटी समाज का संक्षिप्त परिचय
हाटी समाज हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले के गिरिपार क्षेत्र में निवास करने वाला एक परंपरागत एवं सांस्कृतिक रूप से समृद्ध समाज है। यह समाज अपनी विशिष्ट जीवनशैली, रीति-रिवाजों और सामूहिक एकता के लिए जाना जाता है।
“हाटी” नाम समाज की उस ऐतिहासिक परंपरा से जुड़ा है, जिसमें लोग सामूहिक रूप से हाट (बाज़ार) में अपनी उपज और वस्तुएँ बेचने के लिए जाते थे। इसी कारण इस समुदाय को हाटी समाज कहा जाने लगा।
✨ प्रमुख विशेषताएँ :
- जीवनशैली : सरल, सामूहिक और प्राकृतिक परिवेश से जुड़ी हुई।
- भाषा : स्थानीय पहाड़ी बोली एवं हिंदी।
- संस्कृति व त्यौहार : नृत्य, गीत-संगीत और लोक परंपराएँ।
- आर्थिक स्थिति : कृषि और पशुपालन मुख्य जीविका।
- सामाजिक ढाँचा : सामूहिक निर्णय प्रणाली (खुंड/पंचायत)।
सांस्कृतिक परंपराएं और सामाजिक संरचना
हाटी समाज एक पारंपरिक और जीवंत आदिवासी समुदाय है, जो हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में मुख्य रूप से निवास करता है। इनके जीवन में सांस्कृतिक परंपराओं और सामाजिक संरचना का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।
सांस्कृतिक परंपराएं
त्योहार और उत्सव: हाटी समाज में वर्षभर कई धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाते हैं। इनमें मुख्य हैं – विवाह उत्सव, बीज पूजा, और फसल संबंधी उत्सव।
लोक संगीत और नृत्य: हाटी समाज के लोग लोक गीत और नृत्य के माध्यम से अपनी भावनाओं और परंपराओं को व्यक्त करते हैं।
हस्तकला और शिल्पकला: महिलाएँ और पुरुष पारंपरिक कपड़े, झूमर, और लकड़ी की वस्तुएँ बनाते हैं। ये उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं।
भाषा और साहित्य: हाटी समाज की अपनी मूल बोली है, जिसमें स्थानीय कहानियाँ, गीत और कविताएँ पीढ़ी दर पीढ़ी सुनाई जाती हैं।
सामाजिक संरचना
पारिवारिक संगठन: हाटी समाज में संयुक्त परिवारों की प्रथा प्रचलित है। परिवार में सभी सदस्य मिलकर जीवनयापन करते हैं।
गांव और पंचायत: प्रत्येक गाँव में पारंपरिक पंचायत प्रणाली होती है, जो सामाजिक और कानूनी मामलों में निर्णय लेती है।
समुदाय में भूमिका: समाज में प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका स्पष्ट होती है, जैसे बुजुर्गों का मार्गदर्शन, युवा शक्ति का श्रम, और महिलाओं का सामाजिक-सांस्कृतिक योगदान।
सामूहिक सहयोग: हाटी समाज में सहयोग और मेलजोल को बहुत महत्व दिया जाता है। खेती, उत्सव और निर्माण कार्य में सभी मिलकर भाग लेते हैं।
गिरिपारो के हाटी, आपणी थाती आपणी माटी
नवीनतम समाचार
हाटी जनजाति भवन, जिला सिरमौर,
हिमाचल प्रदेश में निर्धारित है।

आज दिनांक 15/6/2021 को हुई समिति पावर सैथ साहब भूमित की बैठक...
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