हाटी जनजाति समुदाय, गिरिपार सिरमौर, हि० प्र०

हाटी जनजाति का इतिहास

हाटी जनजाति हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र में प्राचीन काल से निवास करती रही है। इस क्षेत्र की सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक संरचना जौनसार-बाबर क्षेत्र से काफी मिलती है।

प्राचीन समय में सिरमौर रियासत का हिस्सा होने के कारण हाटियों का क्षेत्र प्रशासनिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था। इनके रीति-रिवाज, मेले, त्यौहार, पारंपरिक व्यंजन और धार्मिक आस्थाएँ जौनसार-बाबर क्षेत्र के समान थीं।

अंग्रेज़ शासनकाल के समय, 1815 के आंग्ल-गोरखा युद्ध और सगौली संधि के बाद गिरिपार क्षेत्र पर अंग्रेज़ी प्रभाव आया। 1833 में कुछ क्षेत्रों को वापिस प्राप्त किया गया, लेकिन जौनसार-बाबर और गिरिपार का प्राचीन सांस्कृतिक संबंध बना रहा।

ऐतिहासिक ग्रंथ और शोध – जैसे सिरमौर गजटियर, तारीख-ए-रियासत सिरमौर, Himalayan Polyandry, Polyandry in Himalayas – में हाटियों की सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताओं और प्राचीन परंपराओं का उल्लेख मिलता है।

दोनों क्षेत्रों में समानता – मेले, त्यौहार, खान-पान, धार्मिक आस्थाएँ, बहुपति प्रथा और सामाजिक संबंध – आज भी बनी हुई है।

हाटी जनजाति
गिरिपार क्षेत्र
सांस्कृतिक पर्व